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| Sharda Devi Temple in POK |
हिंदू धर्म या कहे की सनातन धर्म पाकिस्तान सहित दक्षिण एशिया के सबसे प्राचीन धार्मिक परंपरा है. हालांकि 1947 में एक मुस्लिम बहुल राष्ट्र के रूप में पाकिस्तान की आजादी के बाद से, हिंदुओं की तादाद वह नगण्य हो गई, फिर भी हिंदु तथा बौध धर्म ने पाकिस्तान के इतिहास और संस्कृति तथा राजनीति में एक प्रमुख भूमिका निभाई है।
"हिन्दू" शब्द प्राचीन भारत की सिंधु (सिंधु नदी) से लिया गया है. सिंधु हिंदू धर्म की पवित्र नदियों में से एक है. इस प्रकार, कई मायनों में, पाकिस्तान की भूमि जो आज मुख्य रूप से मुस्लिम है , हिंदुस्तान का एक महत्वपूर्ण तथा अभिन्न हिस्सा था. जनसंख्या के मामले में पाकिस्तान ने अब हिंदुओं की दुनिया में पांचवी सबसे बड़ी आबादी रहती है।
1947 में पाकिस्तान की स्वतंत्रता के बाद, अल्पसंख्यक हिंदु और सिख भारत चले आए, जबकि भारत से मुसलमानों शरणार्थी पाकिस्तान में जाकर बसे. लगभग 6 लाख हिंदुओं और सिख भारत आये , जबकि लगभग उतने ही बराबर संख्या में मुस्लिम भारत छोड़कर पाकिस्तान में बसे।1947 में स्वतंत्रता के बाद भारत के बहार 26 428 हिंदू मंदिर थे जिनमे सबसे ज्यादा पाकिस्तान में है ।
प्राचीन काल में हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म वर्तमान पाकिस्तान का एक प्रमुख धर्म रहा है । कई मुस्लिम आक्रमणकारियों के हमलोंसे हिंदू धर्म, बौद्ध और सिख धर्म का पाकिस्तान के क्षेत्रों में ऐतिहासिक गिरावट आई है.मध्य एशिया से आये कई आक्रमंकारियो ने इन क्षेत्रो में दमनकारी चक्र चला कर बहुत से लोगो से जबरन धर्म परिवर्तन कराया |मुग़ल काल में सूफी संतों के प्रभाव से भी कई लोगो ने धर्म परिवर्तन किया
एक समय में पाकिस्तान में कई खुबसूरत और विशाल मंदिर हुआ करते थे परन्तु आज इनकी संख्या नगण्य हो गई है
निचे कुछ मंदिरों के वर्णन किया गया है जो आज कई हमलो और यातनाओ का सामना करकर भी बचे हुए है ।
परन्तु वह के सरकार के अनदेखी तथा लोगो की रवैये से लगता है की ये कीमती धरोहर कभी भी पूर्ण रूप से ख़तम हो सकती है
'आजाद कश्मीर'
शारदा पीठ
बलूचिस्तान
हिंगलाज , हिंगोल राष्ट्रीय उद्यान
खैबर पख्तूनख्वा
आर्य मंदिर, , एबोत्ताबाद (अवैध कब्जे के तहत / बर्बाद कर दिया)
शिव मंदिर और दुसेहरा - एबोत्ताबाद (अवैध कब्जे के तहत / बर्बाद कर दिया)
कृष्ण मंदिर - एबोत्ताबाद (नष्ट कर दिया / भवन अब मौजूद नहीं है)
शिव मंदिर (प्राचीन) - मनसेहरा , चिट्टी स्थान /
कृष्ण मंदिर, रवि रोड, लाहौर
सिंध
हनुमान मंदिर, फ्रेरे रोड - कराची
हिंगलाज माता मंदिर (जिसे जगन्नाथ अखर मंदिर कहा जाता है), भीमपुरा - कराची
उमरकोट काली माता मंदिर
शिव मंदिर - उमरकोट
कृष्ण मंदिर - उमरकोट
श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, मूल निवासी जेट्टी - कराची
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| Hinglaj Mandir, Baluchistan |
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| Gorakhnath temple, Peshawar |
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| Hindu fort, rohtas ऋतू कुमार |







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