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सामान्य ज्ञान- कैलाश सत्यार्थी और नोबल प्राइस।

भारत के बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी (60) और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई (17) को बुधवार को संयुक्त रूप से 2014 के शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। दोनों को यह पुरस्कार नॉर्वे के ओस्लो में दिया गया।

कैलाश सत्यार्थी (जन्म: 11 जनवरी 1954) एक भारतीय बाल अधिकार कार्यकर्ता और बाल-श्रम के विरुद्ध पक्षधर हैं
तीन दशक पहले शुरू हुए बचपन बचाओ आंदोलन की वजह से भारत में बाल श्रम को गैरकानूनी और सबको शिक्षा का अधिकार कानून बन पाया। नोबल पुरस्कार ने जैसे अब इस आंदोलन की जरूरत और सफलता पर दुनिया ने भी मोहर लगा दी। 
कैलाश सत्यार्थी ने नोबेल शांति पुरस्कार ग्रहण करने के बाद अपने संबोधन में कहा, "बच्चों के सपनों को कुचलना सबसे बड़ा अपराध है, और मैं खामोशी की ध्वनियों और मासूमियत की आवाज़ का ही प्रतिनिधित्व करता हूं..."

भारत-पाकिस्तान पहली  बार  इस पुरुष्कार को साझा करेंगे । मलाला यह सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की हैं। सत्यार्थी और मलाला दोनों को पुरूस्कार स्वरुप 11 लाख डॉलर मिलेंगे और दोनों इस  रकम को  भी  साझा करेंगे।










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